सेनापति महल, बेलाताल-कुलपहाड़ का इतिहास
सेनापति महल उत्तर प्रदेश के कुलपहाड़ में स्थित एक ऐतिहासिक धरोहर है। इसे 1700 ईस्वी के आसपास राजा जगत राज के पुत्र और महाराजा छत्रसाल के पौत्र सेनापति द्वारा बनवाया गया था। यह महल तीन मंजिला है और कुलपहाड़-नौगांव मार्ग के पास एक पहाड़ी पर स्थित है। 18वीं शताब्दी के मध्य में सेनापति ने इस महल के चारों ओर एक किला बनवाया था, लेकिन 1804 में ब्रिटिश हुकूमत ने इसे नष्ट कर दिया।
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने सेनापति महल को राष्ट्रीय महत्व का स्मारक घोषित किया है और इसके संरक्षण का कार्य किया जा रहा है।
बेलाताल और कुलपहाड़ का ऐतिहासिक महत्व
1729 में मुगल सेनापति मुहम्मद खान बंगश ने बुंदेलखंड पर आक्रमण किया और बेलाताल, जैतपुर, मुधारी और कुलपहाड़ को अपने कब्जे में ले लिया। तब मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम ने हस्तक्षेप किया और बंगश की सेना को घेरकर पराजित कर दिया। इस विजय के उपहार स्वरूप महाराजा छत्रसाल ने महोबा, श्रीनगर, जैतपुर और कुलपहाड़ का एक बड़ा भाग मराठाओं को सौंप दिया।
निष्कर्ष
सेनापति महल, कुलपहाड़ और बेलाताल का इतिहास बुंदेलखंड की वीरगाथाओं से जुड़ा हुआ है। यह क्षेत्र मराठाओं और मुगलों के संघर्ष का गवाह रहा है और आज भी ऐतिहासिक महत्व रखता है।
👉 यदि आप इस ऐतिहासिक स्थल को देखना चाहते हैं, तो कुलपहाड़ का सेनापति महल अवश्य घूमने जाएं।
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ReplyDeleteक्या हम इस प्लेस का प्रयोग नहीं कर सकते हैं अगर कर सकते है तो बहुत लोगों को रोज़गार मिल जाएगा और तो और प्लेस की अच्छी तरह से देख bhar हो सकती हैं
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